16 अप्रैल, 1853.
वो ऐतिहासिक दिन, जब देश में पहली बार पैसेंजर ट्रेन दौड़ी थी.
इस दिन को 172 साल से ज़्यादा समय गुज़र चुका है.
और आज 2025 में हर रोज़ औसतन क़रीब दो करोड़ मुसाफ़िर रेलवे में सफ़र करते हैं.
है ना लंबा सफ़र.
लेकिन आज बात मुसाफ़िरों की नहीं, जॉब की करते हैं.
भारतीय रेलवे की टैगलाइन है- लाइफ़लाइन टू द नेशन.
लेकिन इसे जॉब लाइन भी कह सकते हैं, क्योंकि भारतीय रेलवे की गिनती भारत में सबसे ज़्यादा सरकारी नौकरी देने वालों में आती है.
इसमें काम करने वालों की तादाद क़रीब 12 लाख है.
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- कॉलेज पासआउट के लिए पहली जॉब पाने में दिक्कतें, किस तरह की स्किल्स हैं ज़रूरी
- हफ़्ते में सिर्फ़ चार दिन काम करने का क्या है चलन, रिसर्च में सामने आए कई फ़ायदे

- टिकट कलेक्टर
- कमर्शियल अप्रेंटिस
- असिस्टेंट लोको पायलट
- आरपीएफ़ कॉन्स्टेबल
इनके अलावा दूसरे पद भी हैं, जो रेलवे में हैं और उन पर नियमित रूप से मौक़े बनते रहते हैं.
ज़ाहिर है, ये नौकरियाँ अलग-अलग एजुकेश्नल क्वालिकेशन के आधार पर मिलती हैं.
भारतीय रेलवे में नौकरी पाने के लिए कैंडिडेट्स को रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड्स (RRB) या रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (RRC) के ज़रिए अप्लाई करना होता है.
या फिर पोस्ट के हिसाब से होने वाले कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम को पास करना पड़ता है.
लेकिन सिर्फ़ 12वीं पास करने के बाद भी इंडियन रेलवे में एक बेहतरीन करियर शुरू किया जा सकता है. कैसे? आइए जानते हैं.
अभी रेलवे में 12 से 13 लाख स्थायी कर्मचारी काम कर रहे हैं. साल 2014 से 2024 के बीच रेलवे ने पांच लाख से ज़्यादा भर्तियाँ कीं.
उससे पहले साल 2004 से 2014 के बीच रिक्रूटमेंट का ये नंबर 4.11 लाख था. लेकिन आज की बात करें, तो रेलवे में ग्रुप C के क़रीब 2.74 लाख पद ख़ाली हैं.
ग्रुप C से मतलब है सुपरवाइज़र, टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल ऑपरेशनल पोस्ट जैसे स्टेशन मास्टर, लोको पायलट या ट्रेन चलाने वाले ड्राइवर, जूनियर इंजीनियर और क्लर्क के पद.
रेलवे को 18 ज़ोन में बाँटा गया है, जैसे नॉर्दर्न, वेस्टर्न, सदर्न और ईस्टर्न रेलवे. और इन ज़ोन को कई डिविज़न में बाँटा जाता है.
इन ज़ोन में भर्तियाँ टेक्निकल, एडमिनिस्ट्रेटिव, मेडिकल, ऑपरेशनल और रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स (RPF) जैसे विभागों में होती हैं.
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रेलवे में अलग-अलग शैक्षिक योग्यता और स्किल्स के आधार पर ग्रुप ए, बी, सी और डी की नौकरियाँ निकलती हैं.
- ग्रुप A: UPSC एग्ज़ाम के ज़रिए (जैसे इंडियन रेलवे ट्रैफ़िक सर्विस, अकाउंट सर्विस, इंजीनियर सर्विस).
- ग्रुप B: इसके ज़्यादातर पदों पर लोग ग्रुप C से प्रमोशन पाकर पहुँचते हैं.
- ग्रुप C: RRB परीक्षा से (जैसे: टिकट कलेक्टर, क्लर्क, लोको पायलट).
- ग्रुप D: RRC परीक्षा से (10वीं पास वालों के लिए पद).
ज़्यादातर कैंडिडेट ग्रुप C और D के पदों के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
10वीं और 12वीं क्लास पास करने वाले बच्चों के लिए इन दोनों ग्रुप में पोज़िशन बनती हैं.
जिन पदों पर 12वीं पास करके नौकरी मिल सकती है:
- जूनियर क्लर्क कम टाइपिस्ट
- अकाउंट क्लर्क कम टाइपिस्ट
- कमर्शियल कम टिकट क्लर्क
- जूनियर टाइम कीपर
- टिकट कलेक्टर (TC)
- रेलवे कॉन्स्टेबल (RPF)
- स्टेशन मास्टर (कुछ नॉन-टेक्निकल पद)
- गुड्स गार्ड
अगर आप साइंस बैकग्राउंड से हैं, तो असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) और टेक्नीशियन जैसे पद भी हैं.
10वीं पास करने के बाद जो बच्चे इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ITI) में पढ़ने के लिए जाते हैं, उनके लिए रेलवे बढ़िया ऑप्शन है.
कितनी सैलरी और क्या-क्या सुविधाएँ?रेलवे की नौकरियाँ सिर्फ़ स्टेबिलिटी ही नहीं देतीं, बल्कि कई सुविधाएँ भी देती हैं.
- शुरुआती सैलरी: ₹25,000 से ₹45,000 प्रति माह
- सालाना पैकेज: ₹3.5 लाख से ₹5.5 लाख
इसके साथ मिलते हैं:
- मुफ़्त या रियायती ट्रेन पास
- रेलवे क्वार्टर में रहने की सुविधा
- मेडिकल सुविधाएँ
- पेंशन
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शैक्षिक योग्यता: मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास (कुछ पदों पर ITI या ग्रेजुएशन ज़रूरी).
न्यूनतम अंक: 50% या उससे ज़्यादा.
आयु सीमा: आम तौर पर 18 से 30 साल (SC/ST/OBC/PwD के लिए छूट मिलती है).
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- ऑनलाइन आवेदन (RRB/RRC वेबसाइट)
- कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) → GK, मैथ्स, रीज़निंग, साइंस, करेंट अफ़ेयर्स
- स्किल टेस्ट / PET (फ़िज़िकल एफ़िशिएंसी टेस्ट)
- डॉक्यूमेंट वेरिफ़िकेशन
- मेडिकल टेस्ट
इन सभी स्टेप को पार करने के बाद मेरिट लिस्ट बनती है. और उस हिसाब से मौक़ा मिलता है.
कैसे करें अप्लाई?नोटिफ़िकेशन RRB की आधिकारिक वेबसाइट पर आते हैं.
कितनी फ़ीस: ₹500 (CBT-1 देने के बाद ₹400 वापस मिलते हैं).
ज़रूरी डॉक्यूमेंट: एजुकेश्नल सर्टिफ़िकेट, पहचान पत्र, फोटो, और बाक़ी डॉक्यूमेंट.
अप्लाई करने का पूरा प्रोसेस अब ऑनलाइन होता है.
और करियर ग्रोथ का क्या?
रेलवे में जॉब का सबसे बड़ा फ़ायदा है प्रमोशन और स्टेबिलिटी.
क्लर्क से लेकर स्टेशन मास्टर तक प्रमोशन का रास्ता खुला रहता है.
ALP से लोको पायलट से सीनियर लोको पायलट तक प्रमोशन हो सकता है.
रेलवे कॉन्स्टेबल से इंस्पेक्टर तक प्रमोशन होता है.
किन बातों का ध्यान रखें
कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम्स की तैयारी करवाने वाले टीचर जीत राणा कहते हैं कि जो भी स्टूडेंट इस एग्ज़ाम में बैठने का मन बनाए, उनके लिए सबसे ज़रूरी है कि वे पिछले साल पूछे गए सवालों को पहले ही सुलझा लें.
इससे अंदाज़ा हो जाएगा कि आमतौर पर किस तरह के सवाल पूछे जाते हैं.
वह कहते हैं कि स्टूडेंट्स सिलेबस को पूरा करें, फिर हर सब्जेक्ट की अलग-अलग प्रैक्टिस करें, ख़ास तौर पर मैथमैटिक्स में प्रैक्टिस की ज़रूरत होती है.
हर स्टूडेंट को एग्ज़ाम में बैठने से पहले कम से कम 100 मॉक टेस्ट देने चाहिए.
इससे एग्ज़ाम के समय किसी तरह की हड़बड़ी नहीं होती और स्टूडेंट्स अपने समय का सही इस्तेमाल कर पाते हैं.
तो इंतज़ार किस बात का है, उठाइए मोबाइल और सर्च करना शुरू कर दीजिए...क्योंकि गाड़ी बुला रही है, जॉब के लिए!
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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