विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के अवसर पर दिल्ली के पीएचडी हाउस ऑडिटोरियम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में जयपुर के संगीत शोधकर्ता एवं शुभ विचार संस्था के संस्थापक जितेन्द्र शर्मा ने "संगीत एवं बौद्धिक संपदा" विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।अपने संबोधन में शर्मा ने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही बौद्धिक संपदा का जनक रहा है, जहां ऋषि-मुनियों ने तप और ज्ञान से ऐसी संपदा का सृजन किया, जो संपूर्ण सृष्टि के कल्याण के लिए थी। उन्होंने चाणक्य को बौद्धिक संपदा का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
उन्होंने बताया कि संगीत रचनाएं और प्रस्तुतियां भी आपकी बौद्धिक संपदा बन सकती हैं, इन्हें आईपी राइट्स के तहत विधिवत पंजीकृत कराकर कलाकार अपने कानूनी अधिकार और आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
शर्मा स्वयं राजस्थान विश्वविद्यालय के संगीत विभाग से शोध कर रहे हैं और पिछले दो दशकों से संगीत, नाटक और फिल्म के क्षेत्र में सक्रिय हैं।यह सेमिनार पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा आयोजित किया गया था और इसमें भारत सहित विभिन्न देशों के बौद्धिक संपदा के क्षेत्र के शीर्ष विशेषज्ञों ने भाग लिया था।
You may also like
SM Trends: 11 मई के बेहतरीन Tweet और Video के बारे में यहां जाने, जो काफी तेजी से हो रहे हैं वायरल
युद्ध विराम की घोषणा के बाद पाकिस्तान का मिसाइल दागना गलत, सख्ती से लगे रोकः दिग्विजय सिंह
अगले जन्म में भी कांग्रेसी जनता का प्रतिनिधि नहीं हो सकते : भबेश कलिता
उंगली की चोट से उबर रहे हैं आरसीबी कप्तान रजत पाटीदार
आपकी जमीन पर कब्जा? जानें कानूनी मदद से कैसे पाएं हक वापस