राजस्थान की सबसे ऊंची पर्वत चोटी से महज तीन किलोमीटर दूर बसे सिरोही जिले के माउंट आबू क्षेत्र के उतरज गांव में अब खेती की तस्वीर बदलने जा रही है। दुर्गम पहाड़ियों और सड़कविहीन रास्तों के बावजूद गांववासियों के हौसले ने वह कर दिखाया है जो आज तक नहीं हो सका था। राजस्थान के सबसे ऊंचे गांव उतरज में पहली बार ट्रैक्टर पहुंचा है, और अब यहां आधुनिक खेती की शुरुआत होने जा रही है।
करीब 60 परिवारों ने आपस में मिलकर यह ट्रैक्टर खरीदा है, जो न केवल उनकी मेहनत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि यह साबित करता है कि संसाधनों की कमी भी अगर संकल्प मजबूत हो तो बाधा नहीं बन सकती।
गांव तक नहीं है पक्की सड़कमाउंट आबू की पर्वत श्रृंखलाओं में बसे उतरज गांव तक पहुंचने के लिए आज भी कोई पक्की सड़क नहीं है। गांव के लोग वर्षों से कठिन चढ़ाई और कच्चे रास्तों से होकर आवाजाही करते रहे हैं। ऐसे क्षेत्र में ट्रैक्टर पहुंचाना अपने आप में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। गांववासियों ने यह ट्रैक्टर पहाड़ी और पथरीले रास्तों से बड़ी मुश्किल से गांव तक पहुंचाया, जिसमें लगभग दो हफ्ते लगे।
खेती में आएगा बड़ा बदलावअब तक गांव में हाथ से या बैल की मदद से खेती की जाती थी, जिससे उत्पादन सीमित और मेहनत अधिक थी। लेकिन अब ट्रैक्टर के आने से खेतों की जुताई से लेकर बीज बोने और सिंचाई तक की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इससे न केवल समय और श्रम की बचत होगी, बल्कि फसल उत्पादन में भी इज़ाफा होने की उम्मीद है।
गांव के किसान रामलाल जी ने बताया, “हमने सोचा था कि जब बिजली आ सकती है, तो ट्रैक्टर क्यों नहीं। गांव के युवाओं ने पहल की और सभी परिवारों ने मिलकर थोड़ी-थोड़ी राशि जोड़कर ट्रैक्टर खरीदा।”
ग्रामीणों की मिसालउतरज गांव के लोगों ने यह साबित किया है कि संसाधन चाहे जितने भी सीमित क्यों न हों, यदि सामूहिक प्रयास हो तो असंभव को भी संभव किया जा सकता है। यह पहल न केवल गांव के लिए, बल्कि पूरे सिरोही जिले के अन्य दूरस्थ गांवों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है।