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खाटूश्यामजी धाम में डाक निशान यात्रा पहुंची, अनोखें भक्तों की आस्था और भक्ति के अद्भुत रूप से गूंजा दरबार

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राजस्थान के सीकर जिले स्थित प्रसिद्ध खाटूश्यामजी धाम में हर साल की तरह इस बार भी आस्था और भक्ति का सैलाब उमड़ा हुआ है। बाबा श्याम के दरबार में देशभर से लाखों भक्त अलग-अलग तरीकों से अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। कोई भक्त पदयात्रा करते हुए पहुंचता है, कोई पेट पर पलायन करके धाम में प्रवेश करता है, तो कोई भक्त नुकीली कीलों पर जंजीरों से बंधकर बाबा श्याम के दरबार में हाजिरी लगाता है। हर भक्त का अपना एक अलग अंदाज और तरीका होता है, लेकिन सभी का मकसद एक ही – बाबा श्याम से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति।

आस्था के रंग-रूप

खाटूश्यामजी में भक्त अपनी मनोकामनाओं को लेकर बाबा श्याम के दरबार में पहुंचते हैं। कुछ लोग मनोकामना पूरी होने पर बाबा को निशान अर्पित करते हैं। निशान यात्रा के दौरान भक्त बाबा श्याम का ध्वज लेकर पदयात्रा करते हुए मंदिर तक पहुंचते हैं। यही यात्रा समय-समय पर पूरे क्षेत्र में आस्था का माहौल बना देती है।

डाक निशान यात्रा का महत्व

इन्हीं निशान यात्राओं में से एक विशेष यात्रा है डाक निशान यात्रा। इसे बाबा श्याम के भक्तों की अनोखी आस्था का प्रतीक माना जाता है। डाक निशान यात्रा में भक्त अपने गांव या शहर से पैदल निकलते हैं और निशान लेकर खाटू धाम तक पहुंचते हैं। रास्तेभर भक्त “श्याम बाबा की जय” और भक्ति गीतों का संकीर्तन करते हुए चलते हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि आपसी भाईचारे और सामूहिक आस्था का भी प्रतीक है।

भीड़ और श्रद्धालु

बाबा श्याम के दरबार में इन दिनों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में भक्ति गीतों, कीर्तन और जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए घंटों कतारों में खड़े दिखाई दे रहे हैं। वहीं, डाक निशान यात्रा के धाम पहुंचने पर भक्तों ने विशेष आरती और भजन संध्या का आयोजन किया।

प्रशासन की तैयारियां

भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन और मंदिर समिति ने व्यापक तैयारियां की हैं। सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल, चिकित्सा और यातायात पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्वयंसेवक भी लगातार श्रद्धालुओं की मदद के लिए जुटे हुए हैं।

भक्तों की आस्था

डाक निशान यात्रा में शामिल भक्तों का कहना है कि वे हर साल इस यात्रा में भाग लेते हैं। किसी ने मनोकामना पूरी होने पर निशान अर्पित किया, तो कोई नई मनोकामना लेकर यात्रा में शामिल हुआ। भक्तों का विश्वास है कि बाबा श्याम उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं और जीवन की कठिनाइयों को सरल बना देते हैं।

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