बारिश का मौसम खत्म हो चुका है, लेकिन शहर के जसवंत नगर इलाके में हालात अब भी बरसाती दिनों जैसे बने हुए हैं। इलाके में जगह-जगह जलभराव की स्थिति बनी हुई है, खासकर जसवंत स्कूल के सामने की मुख्य सड़क पर, जहां नालियों के चोक होने से पानी सड़क पर फैल गया है। इससे स्थानीय निवासियों और दुकानदारों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
रोजमर्रा की स्थिति यह है कि सड़क पर भरे पानी के कारण राहगीरों को पैदल चलना मुश्किल हो गया है। स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं जलभराव के बीच से होकर किसी तरह गुजरने को मजबूर हैं। वहीं, छोटे दुकानदारों की दुकानों में भी पानी घुस जाने से उनका सामान खराब हो रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से लगातार नगर निगम में शिकायतें की जा रही हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। नालियां पूरी तरह जाम हैं, जिनसे पानी का निकास नहीं हो पा रहा है। बारिश का पानी अब गंदे नाले के पानी में तब्दील हो चुका है, जिससे दुर्गंध और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।
रहवासी कैलाश विश्नोई ने बताया, “हर साल यही समस्या होती है। निगम के अधिकारी सफाई का दावा करते हैं, लेकिन हकीकत में नालियों की सफाई कभी ठीक से नहीं होती। अब पानी इतना भर गया है कि दोपहिया वाहन तक निकल नहीं सकते।”
इसी तरह स्थानीय दुकानदार महेंद्र शर्मा ने कहा कि पानी भरने से ग्राहक नहीं आ पा रहे, जिससे कारोबार ठप हो गया है। “हमने कई बार निगम अधिकारियों से कहा कि नालियों की सफाई करवाई जाए, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिलता है, काम नहीं।”
हालात इतने खराब हैं कि कुछ जगहों पर सीवर लाइन का पानी भी ऊपर आने लगा है। इससे पूरे इलाके में स्वच्छता और स्वास्थ्य संकट खड़ा हो गया है। बच्चे और बुजुर्ग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
स्थानीय पार्षद ने भी नगर निगम से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जसवंत नगर की नालियों की सफाई कई महीनों से नहीं हुई, जिसके कारण पानी का निकास रुक गया है।
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि समस्या की जानकारी मिलने के बाद सफाई टीम को मौके पर भेजा गया है। नालियों की सफाई कर पानी की निकासी का कार्य जल्द पूरा किया जाएगा।
हालांकि, फिलहाल जसवंत नगर के लोग नगर निगम की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं। बारिश थम चुकी है, पर सड़कें अब भी तालाब बनी हुई हैं — और आमजन के लिए यह “बरसात के बाद की आफत” किसी मुसीबत से कम नहीं।
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